RACHNA & SUMEET
WEDDING @SURAT
एक-एक कर ...मेरे आस-पास...मेरे करीब़ी...मेरे अपने...जिंदगी के नये आयाम...नये माईने तलाश़ रहे हैं..और मैं ...उन लम्हों को कैद करने की एक बेवजह कोशिश कर रहा हूँ...जो शायद उतने भी बेवज़ह नहीं हैं...अरशे से चली आ रही दास्तां जब किसी रिश्ते में तब्दील होने लगती हैं...तो ज्यादा कुछ नया नहीं होता...नये होते हैं कुछ रिवाज़...नये होते हैं...चेहरे पर खिंचती कुछ लकीरें...हाथों की असली रेखायें ..छुप जाती हैं कहीं...मेंहदी की आगोश में...ज़ह्न में जुगनू सरीख़े कुछ वादे...कुछ लम्हे...जिनमें उलझी पड़ी हैं कितने ही अफ़साने...फिर मैं बेपरवाह...उन्हें पिरोने की कोशिश कर रहा हूँ...